सुख- समृद्धि के प्रतीक होते हैं पूजा में जवारे ।


 आलोचना एक्सप्रेस 


सुख- समृद्धि के प्रतीक होते हैं पूजा में जवारे


 नवरात्रि मैं जवारे अन्न के सम्मान का संदेश है इस विधान में।


आलोचना न्यूज:-  नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा जवारो के बगैर अधूरी है घर हो या पूजा पंडाल हर जगह माता के दरबार में जवारे अवश्य ही मिलेंगे दरअसल इस पवित्र विधि में कलश के  सामने मिट्टी के पात्र में जवारे को बोते हैं।


क्यों बोला जाता है जौ (जवारे) = नवरात्रि में जौ बोने की इस परंपरा के पीछे तर्क यह है कि सृष्टि के आरंभ में जौ ही सबसे पहली फसल थी।  जौ बोने की यह प्रथा हमें यह सीख देती है कि हम सदैव अपने अन्य और अनाज का सम्मान करें इस फसल को हम देवी मां को अर्पित करते हैं।

इस जौ (जवारे) को उगाया जाता है पूजा घर में जमीन पर जौ को बोते समय मिट्टी में गोबर मिलाकर मां दुर्गा का ध्यान करते हुए जौ को बोया जाता है।



 जवानों से जुड़ी खास प्रमुख बातें


1 अगर जौ जवारे तेजी से बढ़ते हैं तो घर में सुख समृद्धि आती है यदि यहां मुरझाए और ठीक से ना बढ़े तो अशुभ माना जाता है।


2 इसे हवन के समय देवी देवताओं को भी अर्पित किया जाता है।


3 नवरात्रि के समय दौरान की जाने वाली कलश स्थापना के समय उसके नीचे रेत रखकर एक लोटा जल चढ़ाने का महत्व है।



4  जौ जवारे बोने का एक अन्य पौराणिक मुख्य कारण वह धार्मिक मान्यता है कि अन्य ब्रह्मा है अन्य में ब्रह्मा का वास होता है  इसलिए अन्य का सदैव सम्मान करना चाहिए।



     

      ✍️ *चंचलेश साहू*


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