छिंदवाड़ा/ परासिया ::- कोठार में हो रहे अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन कार्यवाही नहीं होने दी आंदोलन की चेतावनी ।
अवैध रेत उत्खनन के
खिलाफ कोठार के ग्रामीणों ने सोपाा ज्ञापन।
कार्यवाही नहीं होने दी आंदोलन की चेतावनी ।
छिंदवाड़ा – आज परासिया विधानसभा के अंतर्गत ग्राम कोठार में से लगी कन्हान नदी में लगातार अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है, जिसको लेकर ग्रामीण जनों ने कई बार शिकायत की, परंतु शिकायत के बावजूद भी कोई कार्यवाही राजनैतिक दबाव के चलते नहीं हो पायी । छात्र मोर्चा के जिला अध्यक्ष निखिल कहार ने बताया कि आज ग्रामीणों ने ओबीसी, एससी, एसटी संयुक्त युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक बंदेवार की उपस्थिति में जिला कलेक्टर कार्यालय पहुॅचकर ज्ञापन सौंपा । ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मोरडोंगरी और कोठार के बीच कन्हान नदी में एक मात्र पुलिया है जो रेत उत्खनन के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो रही है, क्योंकि ग्रामीणों के आवागमन का एकमात्र रास्ता है जो कि परासिया एवं जुन्नारदेव विकासखण्ड को जोड़ता है, साथ ही यह मार्ग मोरडोंगरी, कोठार, कटकुही, बोरदई, मुलताई, बैतूल की ओर भी जाने हेतु हजारों लोग प्रतिदिन इसी मार्ग का उपयोग करते हैं । परंतु रेत माफियाओं द्वारा प्रतिदिन नदी से हजारों टन रेत का परिवहन कर इस एकमात्र पुलिया को क्षतिग्रस्त कर दिया है । ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस पुलिया पर स्थित नदी से हो रहे अवैध रेत उत्खनन पर तत्काल रोक लगायी जाकर तत्काल पुलिया का निर्माण करवाया जावे ताकि ग्रामीणों का आवागमन प्रारंभ हो सके । ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही इस स्थान से रेत का उत्खनन रोका जाकर पुलिया निर्माण नहीं की जाती है तो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन किया जायेगा । इस अवसर पर ग्रामीणजनों के अलावा आसपास के जन प्रतिनिधि सुनील कहार वरिष्ठ समाजसेवी, अनिल उइके जनपद स
दस्य कोठार, गुलाब ठाकरे सरपंच कोठार, संतलाल धुर्वे पूर्व सरपंच डोडा सेमर, फगनलाल बरकड़े सरपंच माचीघाट, बुधलाल उइके सरपंच कटकुही, रामदयाल जी सरपंच उमरडोह, जगदीश महलवंशी माचीघाट, उमेश भन्नारे कोठार, संजय राकसे, नीलेश बरकड़े माचीघाट, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सहताप शाह उइके पटपड़ा, सुदामा विश्वकर्मा गूजरघाट, फूलदास आम्रवंशी कोठार, संतोष सावेड़, सुनील बेलवंशी, तिवारीलाल भन्नारे, रामदास साहू इटावा, ज्ञानचंद परतेती, लालचंद मर्सकोले, रामेश्वर महलवंशी कोठार, दिलीप महलवंशी, सुभाष भनोर, श्याम नागवंशी, ब्रज मर्सकोले सहित सैंक़ड़ो ग्रामीणजन उपस्थित थे
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