बहुमुखी प्रतिभा संपन्न कवि थे 'नवीन'
आलोचना एक्सप्रेस न्यूज़ *बहुमुखी प्रतिभा संपन्न कवि थे 'नवीन'* महान देशभक्त, गणेशशंकर विद्यार्थी के मानस पुत्र, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कवि, पत्रकार, साहित्यकार और मध्यप्रदेश के इतिहास पुरूष पं०बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' का जन्म मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले की शुजालपुर तहसील के भ्याना गाँव में 8 दिसम्बर 1897 को हुआ था। कविवर नवीन का व्यक्तित्व बहुआयामी था। स्व० प्रभागचन्द्र शर्मा के शब्दों में - "वे कवि थे, लेखक थे, वक्ता थे, कर्मयोगी थे, योद्धा थे, वीर थे, राजनेता थे, वे क्या नहीं थे ?" और इतनी विविधताओं के बीच भी वे अपनी अलमस्ती के रंग में सदैव रंगे रहते थे। उनकी कविता- हम अनिकेतन, हम अनिकेतन हम तो रमते राम, हमारा क्या घर क्या दर, कैसा वेतन, हम अनिकेतन, हम अनिकेतन उनके बाह्य व्यक्तित्व में श्वेत घुंघराले बाल, भव्य ललाट, खद्दर का कुर्ता, पाजामा, नेहरू जाकेट, मोटा चश्मा स्मृति में सहज ही उभर आते है। उनका बचपन बहुत आभावों वाला रहा। उन्होंने सन 1914 में शाजापुर से मिडिल पास की तथा माधव महाविद्यालय से हाइस्कुल, पश्चात् कानपुर के कृाइस्ट चर्च काँलेज स...